PUBLISHED : Dec 01 , 10:36 AM


🌴यश एयरवेज मामले में लोकायुक्त के पूर्व डीजीपी अरुण गुर्टू सहित उज्जैन पूर्व कलेक्टर बी एम शर्मा सहित 5कलेक्टरो के खिलाफ लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार मामले में एफ आई आर दर्ज।
🥒साल 2006 में नियमो को तक पर रख तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश साहनी की मदद से कैप्टन भरत टोंग्या एवं यशराज टोंग्या ने उज्जैन हवाई पट्टी हथिया ली थी।
💦बाद में पूर्व लोकायुक्त डीजीपी अरुण गुर्टू को चैयरमेन बना उनके प्रभाव का उपयोग कर उज्जैन कलेक्टर बी एम शर्मा एवं पी डब्लू डी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पटेल एवं भोपाल में बैठे एविएशन के प्रमुख सचिव एवं पी डब्लू डी के प्रमुख सचिव से सांठगांठ कर 4 करोड़ रुपये हवाई पट्टी पर रख रखाव के नाम पर खर्च कर लिए जबकि इसकी जिम्मेदारी यश एयरवेज की थी। यश एयरवेज की लीज की शर्तों में ATC का निर्माण,बाउंडरी वाल का निर्माण ,हर वर्ष लीज रेंट तथा विमानो को रोज रात रुकने का किराया वसूलना ये उज्जैन कलेक्टर की जवाबदारी थी ।
💦जो कि किसी ने भी पूरी नही की थी।।
💦लोकायुक्त संगठन द्वारा लंबी जांच के बाद 2006 से 2019 के बीच कलेक्टर रहे कलेक्टरों ,अरुण गुर्टू ,यश एअरवेज के सभी पदाधिकारियों ,PWD के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं पद के दुरुपयोग मामले में एफ आई आर दर्ज कर ली है।।
💦उल्लेखनीय है कि जिस समय यह घोटाला हुआ उस समय पूर्व मुख्यमंत्रि के पास एविएशन मंत्रालय था।।